महाराष्ट्र का ‘नानेघाट का उल्टा झरना’, जो नीचे की बजाय ऊपर की ओर बहता है

हमारे देश में एक ऐसी जगह भी है, जो न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम को चुनौती देने वाली है। यह जगह है महाराष्ट्र का नानेघाट रिवर्स वॉटरफॉल, जिसका पानी नीचे आने की बजाय ऊपर की ओर जाता है।

न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम कहता है कि अगर कोई भी चीज ऊपर से फेंकी जाए तो वह नीचे गिरेगी ही, लेकिन ऐसे में अगर नानेघाट के उल्टे झरने की बात करें तो इसका पानी नीचे गिरने की बजाय ऊपर उठता है, जो सरासर न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम के विरुद्ध है. 

वैज्ञानिकों के अनुसार इसका कारण हवाओं की प्रबल शक्ति है जो बहते पानी को ऊपर की ओर धकेलती है।  

दरअसल, नानेघाट में हवा बहुत तेज चलती है। इस कारण जब झरना नीचे गिरता है तो हवा के कारण ऊपर उड़ जाता है। 

राज्य में कोंकण तट और जुन्नार नगर के बीच स्थित है। पुणे से इसकी दूरी लगभग 150 किमी है। जबकि मुंबई से इसकी दूरी करीब 120 किमी है. इसे कई नामों से भी जाना जाता है. कुछ लोग इसे नानेघाट कहते हैं 

ऐसा माना जाता है कि इस शहर की स्थापना सातवाहन राजवंश द्वारा की गई थी, क्योंकि नानाघाट गुफा में ब्राह्मी और संस्कृत में शिलालेख हैं। 

नानेघाट की सबसे खास बात यह है कि यहां ट्रैकिंग भी की जा सकती है। करीब 5 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक को पार करने में करीब 5 से 6 घंटे का समय लगता है. वहीं, पहाड़ की चोटियों तक वाहनों से भी पहुंचा जा सकता है। 

मानसून के दौरान यहां आना सबसे अच्छा माना जाता है। क्योंकि, इस समय उल्टे झरने की अजीब प्रक्रिया देखने को मिलती है और इस दौरान यहां हवाएं भी बहुत तेज चलती हैं।

कल्याण बस स्टैंड से जुन्नर के लिए राज्य परिवहन की बस लें। यह गंतव्य वैशखारे गांव के पास मालशेज घाट रोड पर स्थित है। नानेघाट तक सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।