राजस्थान के उदयपुर शहर में एक ऐसा मंदिर है जहां गणेश जी भक्तों की न सिर्फ प्रार्थना सुनते थे बल्कि उनकी आर्थिक रूप से भी मदद किया करते हैं.

जी हां हम बात कर रहे हैं उदयपुर शहर के बोहरा गणेश जी मंदिर की. इस मंदिर की मान्यता है कि यहां पर आने वाले भक्तों को भगवान पैसे उधार देते है 

और जब भक्तों का कार्य सिद्ध हो जाता है तो भक्त ब्याज सहित पैसा वापस लौटा देते है. 

आज भी यह मान्यता है कि बोहरा गणेश जी का मंदिर में किसी भी भक्त का पैसे संबंधित समस्या हो तो उसका निवारण हो जाता है.

इस मंदिर का नाम बोहरा इसलिए पड़ा क्योंकि पहले जिस किसी व्यक्ति को भी शादी-ब्याह, बिजनेस के लिए रुपयों की ज़रूरत पड़ती थी तो भक्त यहां आकर एक कागज पर अपनी समस्या या जरूरत लिख कर चला जाता था और उसे मंदिर रुपये दे देता था

पर एक शर्त पर उसे ये रुपये ब्याज के साथ लौटाने होते थे. ये काम तब के जमाने में बोहरा लोग बहुत करते थे. मंदिर का निर्माण महाराणा मोखल सिंह ने कराया था. इसलिए इनका नाम बोहरा गणेश जी हो गया.

जब गणपति जरुरतमंद भक्तों को पैसे की मदद करते तो भक्त कुछ समय बाद वह राशि ब्याज सहित प्रभु को लौटा देते थे. 

अक्सर ब्याज पर पैसे देने का काम बोहरा समुदाय किया करता था तो इसी प्रथा के कारण इनका नाम बोहरा गणेश पड़ा. हालांकि यह प्रथा अब बंद हो चुकी है.

उदयपुर शहर में ही नहीं बल्कि मेवाड़ संभाग के लोगों की भक्ति बोहरा वाले गणेश जी से जुड़ी है. चतुर्थी के मौके पर खासतौर पर बोहरा गणेश जी के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. इसी के चलते मंदिर में दो दिनों तक मेले का आयोजन किया जाता है. रात्रि करीब 12:00 बजे से ही मंदिरों में भक्तों की सैकड़ो की तादाद में लंबी कतारें देखी जाती है.