उत्तराखंड का एक बेहद अनोखा हिल स्टेशन, अंग्रेजों द्वारा बसाई गई इस जगह पर विदेशियों के जाने पर है प्रतिबंध।

हम आपको बता दें, यहां एक ऐसी भी जगह है, जहां केवल भारतीयों की ही घूमने की इजाजत है।

इस जगह पर विदेशियों के घूमने पर सख्त पाबंदी लगाई हुई है। जी हां, हम बात कर रहे हैं चकराता गांव की, जहां अंग्रेजों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा हुआ है।

अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्यों है, तो हम आपको बता दें, यहां चीन से दूरी बहुत कम है और 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद तिब्बती इकाई यहां एकत्र हुई थी।

ऐसे में सुरक्षा कारणों से किसी भी विदेशी पर्यटक को यहां प्रवेश की इजाजत नहीं है. यहां केवल भारतीय ही घूम सकते हैं।

गर्मी से राहत पाने के लिए अगर आप पहाड़ी स्थलों पर घूमने का मन बना रहे हैं, तो चलिए हम आपको यहां की कुछ बढ़िया जगहों के बारे में बताते हैं।

चकराता गांव घूमने के लिहाज से बढ़िया जगह मानी जाती है। जौनसार-बावर का प्रमुख नगर या कह लें मुख्यालय चकराता, ब्रिटिश काल में बसाया गया एक महत्वपूर्ण कैंट है। 

चकराता उन खूबसूरत क्षेत्रों में शुमार है, जो अपनी परंपराओं और संस्कृति के कारण देश और दुनिया के लोगों को अपनी ओर खींचते हैं। 

समुद्र तल से 2118 मीटर की ऊंचाई पर यमुना और टोंस नदियों के बीच स्थित चकराता को 1886 में बसाया गया था। यह गांव दिल्ली से करीब 330 किमी दूर है, यह उन ऑफबीट डेस्टिनेशन में आता है, जहां आपको शांति और सुकून दोनों मिलेगा।

देववन से चकराता का नजारा बड़ा ही हसीन और मंत्रमुग्ध कर देने वाला है। यहां से आपको सर्दियों के दौरान बर्फ से ढके हिमालय पर्वत भी देखने को मिलेंगे। लक्की रहे, तो यही बर्फ के पहाड़ आपको गर्मियों में भी दिख सकते हैं। 

कुदरती खूबसूरती वाला चकराता हिल स्टेशन घूमने की पूरी जानकारी