चितकुल: प्रकृति की गोद में बसा एक ऐसा गांव जो सैलानियों को 'रिफ्रेश' कर दे
किन्नौर घाटी में स्थित छितकुल भारत का आखिरी गांव है। यह गांव प्रकृति की गोद में बसा हुआ है। यह एक ऐसी जगह है जो पर्यटकों को तरोताजा कर देती है और उनके अवसाद को कम कर देती है।
किन्नौर घाटी में स्थित छितकुल भारत का आखिरी गांव है। यह गांव प्रकृति की गोद में बसा हुआ है। यह एक ऐसी जगह है जो पर्यटकों को तरोताजा कर देती है और उनके अवसाद को कम कर देती है।
अगर आप अपना काम करते-करते इतना थक गए हैं कि आपको लगता है कि आपको अपने लिए समय निकालना चाहिए, तो छितकुल की यात्रा पर जाएं।
चितकुल दक्षिण में उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल, पूर्व में पड़ोसी देश तिब्बत, उत्तर में स्पीति घाटी और पश्चिम में कुल्लू से घिरा हुआ है.मइस गांव की सीमा उत्तराखंड से महज 20 किमी की दूरी पर स्थित है.
यह गांव सांगला घाटी से 28 किमी की दूरी पर है. चितकुल और सांगला घाटी के बीच का रास्ता रकछम गांव है. आप रकचम गांव से चितकुल तक ड्राइव कर जा सकते हैं.
यह गांव अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, शांत वातावरण, विशाल घाटियां, दूर तक फैले पहाड़ एवं जंगल, झरनों और खूबसूरत नजारों के लिए प्रसिद्ध है.
इस गांव से भारत और तिब्बत बॉर्डर महज 90 किमी की दूरी पर है. इस गांव से आगे जाने पर रोक है. यहां आप बर्फ से ढके हुए पहाड़ और सुदूर स्थित खूबसूरत हिमालय के दर्शन कर सकते हैं.
बहती हुई नदी एवं ऊपरे से गिरते हुए झरने के नजारों का लुत्फ उठा सकते हैं. यहां लकड़ी से बने हुए घरों को देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा. शांत और सुकून से भरा यहां का वातावरण आपको बेहद प्रिय लगेगा.
यहां सैलानी लंबा नेचर वॉक, ट्रैकिंग और कैंपिंग कर सकते हैं. अगर आपको रिफ्रेश होना है, तो एक बार चितकुल की सैर जरूर करिये.
चितकुल जो है भारत का अंतिम गाँव, जहा है पर्यटकों के लिए दिल को छू लेने वाले नजारे