बर्फबारी देखनी है, तो एक बार चोपता हिल स्टेशन की सैर जरूर करें. यहां आप ताजा बर्फबारी का आनंद ले सकते हैं और यहां की प्राकृतिक खूबसूरती को करीब से देख सकते हैं.

चोपता रुद्रप्रयाग जिले में बसा छोटा- सा हिल स्टेशन है.  यह हिल स्टेशन प्रकृति की गोद में बसा हुआ है. यहां की प्राकृतिक खूबसूरती पर्यटकों का दिल जीत लेती है.

देहरादून से चोपता करीब 246 किमी और ऋषिकेश से लगभग 185 किमी दूर है. चोपटा गांव रुद्रप्रयाग जिले में समुद्र तल से 9,515 फुट की ऊंचाई पर बसा है. यह हिल स्टेशन टूरिस्टों के बीच काफी लोकप्रिय है.

यहां जाकर आप तुंगनाथ मंदिर भी घूम सकते हैं. भगवान शिव का यह सुप्रसिद्ध मंदिर चोपता से 3.5 किमी दूर है. तुंगनाथ मंदिर 3680 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है शिव का सबसे ऊंचा मंदिर है. जो कि पंच केदार मंदिरों में से एक है.

यह मंदिर सर्दियों में बर्फ से ढका रहता है.  चोपता घाटी के पास ही कंचुला कोरक कस्तूरी मृग अभ्यारण्य है. जहां आप कई जीवों को देख सकते हैं. यह जगह वन्यजीव प्रेमियों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र है.

चोपता में सर्दियों में जमकर बर्फबारी होती है जिसे देखने के लिए देश के कोने-कोने से सैलानी आते हैं. यह हिल स्टेशन अपनी खूबसूरती के कारण मिनी स्विट्जरलैंड कहलाता है.

यह जगह टूरिस्टों के बीच ट्रैकिंग, हाइकिंग और माउंटेन साइकिल एडवेंचर एक्टिविटी के लिए प्रसिद्ध है. यहां से आप पंचचुली, नंदा देवी, केदारनाथ और त्रिशूल की राजसी चोटियों को देख सकते हैं. 

वैसे तो चोपता सैलानी किसी भी मौसम में जा सकते हैं. सर्दियों में यहां बर्फबारी देख सकते हैं. लेकिन यहां घूमने के लिए सबसे बेस्ट टाइम मार्च से मई तक है.

चोपता में बर्फबारी का सबसे उपयुक्त वक्त दिसंबर से लेकर मार्च तक का होता है, इस दौरान यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी सैलानी आते हैं.

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