शिमला नहीं बल्कि ये पहाड़ी जगह है भारत का पहला हिल स्टेशन, जिसे अंग्रेजों ने बनाया था बड़ी शिद्दत से
भारत में हिल स्टेशन काफी लोकप्रिय हैं। छोटा हो या बड़ा छुट्टियाँ बिताने के लिए लोग हिल स्टेशन पसंद करते हैं।
उत्तराखंड का पहला हिल स्टेशन मसूरी है, जिसे सबसे पहले अंग्रेजों ने विकसित किया था। मसूरी को हिल स्टेशनों के रूप में विकसित करने वाले लोग मुख्य रूप से ब्रिटिश सेना के अधिकारी , सैन्य चिकित्सक, व्यवसाय और प्रशासक थे।
मसूरी समुद्र तल से 6758 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। अपनी लोकप्रियता के कारण यह भारत में 'पहाड़ियों की रानी' के नाम से प्रसिद्ध है। उत्तराखंड में मसूरी, नैनीताल, अल्मोडा, भीमताल, धनोल्टी, लैंसडाउन, रानीखेत जैसे 40 से अधिक हिल स्टेशन हैं। लेकिन फिर भी उत्तराखंड के पहले हिल स्टेशन का श्रेय मसूरी को ही जाता है।
भारत में हिल स्टेशनों की अवधारणा की शुरुआत अंग्रेज़ों ने ही की थी। उन्होंने इसे व्यक्तिगत और आधिकारिक उद्देश्यों के लिए विकसित किया। हिल स्टेशनों की उत्पत्ति का पता 19वीं सदी की शुरुआत में लगाया जा सकता है।
उन्होंने गर्मी के दिनों में बीमारी से उबरने से लिए हिमालय पर्वत की गोद में सैनिटेरिया की स्थापना की थी। इसका उपयोग ब्रिटिश मूल के हेल्थ रिजॉट्र्स और हॉलीडे रिजॉर्ट के रूप में भी किया जाता था।
मसूरी को कभी समर कैपिटल भी कहा जाता है। इसे लोग भारत की हनीमून राजधानी भी कहते हैं।
वर्ष 1900 में हरिद्वार-देहरादून रेलवे लाइन के विकास के बाद, मसूरी उत्तर भारत में एक आसानी से पहुँचा जाने वाला हिल स्टेशन बन गया, जिसके कारण यह और भी अधिक लोकप्रिय हो गया।
मसूरी सड़क मार्ग से देहरादून से लगभग 35 किमी दूर है। यह गढ़वाल हिमालय पर्वतमाला तलहटी में स्थित है। खूबसूरत प्राकृतिक नजारों , झरनों , बर्फबारी से भरपूर पर्यटन स्थल यहां दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
मसूरी की जलवायु गर्मियों में बहुत सुहावनी और सर्दियों में बहुत ठंडी रहती है। पर्यटक यहाँ सर्दियों में बर्फबारी देखने और गर्मियों में सुहावने मौसम का आनंद लेने आते हैं।
पहाड़ियों की रानी के नाम से मशहूर मसूरी घूमने की जानकारी