इतिहास और घूमने की जानकरी

भारत का राजस्थान राज्य अपने कई धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है। यहां पर अनेकों मंदिर स्थित हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत के रूप में हमारे सामने नजर आती हैं। 

इस ऐतिहासिक मंदिर को अरावली की पहाड़ियों की ऊंचाइयों पर बनाया गया है। मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में दीवान राव कृपाराम द्वारा करवाया गया था, जो कि राजपूत शासक सवाई जय सिंह के सलाहकार भी थे।

इस भव्य धार्मिक स्थान के अंदर भी कई अन्य मंदिर भी हैं, जिनमें मुख्य मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। इसके अलावा यहां पर भगवान राम और कृष्ण को भी मंदिर देखने को मिलते हैं। इस मंदिर की बनावट जैसे किसी राज महल के तर्ज पर की गई हो।

जहां पर यह मंदिर बना हुआ है वहां का माहौल काफी हरा-भरा और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहां पर कई खूबसूरत झरने और पहाड़ देखने को मिलते हैं।  

आखिर क्यों कहा जाता है बंदरों का मंदिर-

यहां पर बहुत ज्यादा संख्या में बंदर रहते हैं, जिस कारण इस प्राचीन मंदिर को बंदरों का मंदिर भी कहा जाता है। 

यहां पर रहने वाले बंदर मंदिर के परिसर में ही घूमते रहते हैं, मगर वो कभी भी यात्रियों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।

आप यहां पर जाकर इन बंदरों को खाना भी खिला सकते हैं, इन बंदरों के लिए ये जगह बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। 

अगर आपको यहां दर्शन करने जाना है, तो आपको जनवरी में जाना चाहिए। 

Galtaji Temple Jaipur History In Hindi: जाने गलताजी मंदिर का इतिहास, आखिर क्यों कहा जाता है इसे बंदरों का मंदिर