गोरमघाट एक बार देख लिया तो बार-बार जाने का मन करेगा, बेहद रोमांचक सफर

बेहद रोमांचक सफर जंगल पहाड़ों के बीच सर्पिलाकार रास्तों से होते हुए ब्रिटिशकालीन पुलों से गुजरती है यह ट्रेन

राजस्थान में हिमाचल और उत्तराखंड जैसा अहसास करना है तो एक बार गोरमघाट की यात्रा करना बेहद जरूरी है।  

उदयपुर शहर से करीब 136 किलोमीटर दूर गोरमघाट, रावली टॉडगढ़ अभयारण्य की प्राकृतिक छटा और इसके मध्य जोगमंडी वाटर फॉल देखकर हर कोई रोमांचित हो उठता है।  

यहां मीटर गेज पर धीमी गति से चलने वाली सात डिब्बों वाली मावली-मारवाड़ ट्रेन ही रोमांच का सफर करवाती है। मानसून शुरू होते ही यह ट्रेन गोरमघाट के रेलवे स्टेशन खामली घाट तक जाती है और इसमें रोमांचक सफर करने वाले पर्यटक ही देखने को मिलते हैं।  

गोरमघाट की यात्रा के दौरान पर्यटक राजस्थान में सबसे अधिक ऊंचाई से गिरने वाले भील बेरी का झरना देखना भी नहीं भूलते। यह झरना कर्नाटक और गोवा राज्य की सीमा पर स्थित दूध सागर झरने जैसा दिखाई पड़ता है। इसके अलावा जोगमंडी वाटर फॉल का नजारा हिमाचल से कम नहीं।

ट्रेन जब घने जंगल और पहाडिय़ों के बीच सर्पिलाकार रास्तों से होते हुए ब्रिटिश काल के समय बने ब्रिज के ऊपर से गुजरती है तो ऐसा नजारा पेश करती है कि उसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। हर पर्यटक यहां के नजारों को कैमरों में कैद करना चाहता है। कहीं तेज तो कहीं धीमी गति से चलती ट्रेन ब्रिटिशकालीन ऊंचाई वाले पुलों और रास्ते में पडऩे वाली दो टनलों से होकर भी गुजरती है तो रोमांच और बढ़ जाता है। 

गोरमघाट एक जगह का नाम है जो जंगलो में, पहाड़ के बीचों बीच मौजूद है। यह जगह राजस्थान के पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन तहसील के अंदर  स्थित फुलाद गांव के नजदीक स्थित है। 

गोरमघाट जाने के लिए पूरे भारत देश से आपको सिर्फ तीन ही रेल चलती है। पहली रेल मारवाड़ जंक्शन से और दूसरी रेल मावली जंक्शन से और तीसरी ट्रेन फुलाद जंक्शन से। यदि आप राजस्थान के पाली, उदयपुर और जोधपुर जिले को छोड़कर शेष किसी भी शहर, गांव, राज्य से ‘गोरमघाट रेलयात्रा’ करने के लिए आना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे बेस्ट मारवाड़ जंक्शन रेलवे स्टेशन रहेगा। 

पूरे सफर में आप अरावली पर्वतमाला (Aravali Hills) के सभी पहाड़ ट्रेन से ही देखने को मिलेंगे।   

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