दोनों देशों के नागरिक कई वर्षों से सीमा क्षेत्र में अपने रिश्तेदारों से मिलने जाते रहे हैं। इसके साथ ही प्रतिदिन करीब 300 भारतीय पर्यटक वाहन नेपाल जाते हैं।

नेपाल जाने के लिए दो प्रकार का शुल्क देना पड़ता है पहला यातायात शुल्क ,दूसरा भंसार 

पड़ोसी देश ने वाहनों का परमिट शुल्क बढ़ा दिया है।  

नए नियम के मुताबिक अब दो पहिया वाहनों को 150 नेपाली रुपये के स्थान पर 500 रुपये और चार पहिया वाहनों को 500 नेपाली रुपये के स्थान पर 700 रुपये देने होंगे। 

जानकारी के मुताबिक, पहले बुटवल और लुंबिनी तक जाने के लिए वाहनों का परमिट नहीं लेना पड़ता था। अब वहां जाने के लिए भी वाहन का परमिट लेना होगा। 

नेपाल कैबिनेट ने अब नए नियम को मंजूरी दे दी है, इसके मुताबिक, दो पहिया वाहन के परमिट शुल्क में 350 नेपाली रुपये की और चार पहिया वाहन के परमिट शुल्क में 200 नेपाली रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई है।

दो माह पूर्व नेपाल ने दो और चार पहिया वाहनों के प्रवेश शुल्क (भंसार) में बढ़ोतरी किया था। दो पहिया वाहन का प्रवेश शुल्क 150 रुपये (नेपाली) से बढ़ाकर 200 रुपये किया गया था, जबकि चार पहिया वाहन के शुल्क 500 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये (नेपाली) कर दिया गया था।  

प्रतिदिन करीब 300 भारतीय पर्यटक वाहन नेपाल जाते हैं।

भंसार शुल्क के बाद परमिट के बढ़ने से भारतीय यात्रियों और पर्यटकों को नेपाल यात्रा में ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है।  

भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने वाले नेपाली नंबरों के वाहनों की सिर्फ कस्टम इंट्री होती है। नेपाली वाहनों को भारतीय क्षेत्र में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है।

Entry of Indian Registered Vehicles in Nepal