अयोध्या स्थित राम मंदिर से जुड़े रोचक एवं महत्त्वपूर्ण तथ्य

अयोध्या में राम मंदिर का मूल डिज़ाइन 1988 में अहमदाबाद शहर स्थित सोमपुरा परिवार द्वारा तैयार किया गया था।

1. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में राम के नाम की विशेष ईंटों का उपयोग किया जा रहा है।

राम मंदिर के निर्माण में लोहे और स्टील का कोई उपयोग नहीं हुआ है। 

राम मंदिर के 2,000 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा जाएगा। 

राम मंदिर की नींव बनाने के लिए 2587 क्षेत्रों की मिट्टी का इस्तेमाल हुआ है। 

अयोध्या श्री राम मंदिर की मुख्य संरचना राजस्थान के भरतपुर जिले के शाही बंसी पहाड़पुर गुलाबी बलुआ पत्थर को दर्शाती है।

अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में 13 स्वर्ण द्वार स्थापित किए गया है। राम मंदिर 107 एकड़ के क्षेत्र में बनाया गया है। राम मंदिर का निर्माण लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड कंपनी ने किया है। श्रीराम मंदिर के गर्भगृह की आसन शिला मकराना मार्बल (संगमरमर) से बनी है। अयोध्या के राम मंदिर में प्रवेश द्वार पूर्व दिशा की ओर है, सिंह द्वार से 32 सीढ़ियां चढ़कर प्रवेश होगा। अयोध्या में बनने वाली सीता झील की लंबाई 4 किलोमीटर तथा चौड़ाई 500 मीटर है।

बताया जाता है कि रामलला की मूर्ति की लंबाई 4 फुट 3 इंच और चौड़ाई 3 फुट है. भगवान राम की मूर्ति निर्माण के लिए तो कई जगहों से पत्थर आएं लेकिन नेपाल, कर्नाटक और राजस्थान से आए पत्थरों में से किसी एक जगह के पत्थर का चुनाव हुआ है.

गर्भ गृह में पांच वर्ष की आयु वाले राम की मूर्ति रहेगी जिनके हाथ में सोने का धनुष होगा जो पटना के महावीर मंदिर की ओर से आया है. गर्भ गृह काफी बड़ा है इसलिए शायद पुरानी मूर्ति दिखाई नहीं पड़ेगी, इसलिए नई मूर्ति लग रही है.