जयपुर के इस किले का खजाना खोजने के लिए इंदिरा गांधी ने बुला ली थी सेना, कभी आप भी देखकर आइए यहां की चमक

आज हम आपको एक ऐसे किले के बारे में बताने वाले हैं, जिससे कई रोचक तथ्य जुड़े हुए हैं। 

आपको बता दें, इस किले को 'विजय किले' के रूप में भी जाना जाता है, किले की संरचना और निर्माण आपको मध्यकालीन भारत की झलक देगी।  

उस समय किला खजाने की रक्षा करने के लिए जाना जाता था, यही नहीं आमेर की रक्षा प्रणाली के रूप में भी इस किले का इस्तेमाल किया जाता था। 

जयगढ़ फोर्ट को 1726 ईस्वी में सावन जय सिंह द्वितीय द्वारा बनाया गया था, जो समुद्र तल से कई सौ फीट ऊपर है।  

ये किला लगभग विशाल दीवारों से घिरा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि किला जयपुर के सबसे मजबूत स्मारकों में से एक है।

दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी पहिया वाली तोप है, जिसे आप जयगढ़ किले में देख सकते हैं। किले में ही तोप का निर्माण किया गया था। 

लेकिन दिलचस्प और हैरत वाली बात तो ये है कि ये तोप चाहे कितनी भी बड़ी क्यों नहीं है, उस समय लड़ाई के दौरान इस तोप का कभी इस्तेमाल नहीं किया गया। 

इस किले की टंकियों और परिसर में भारी मात्रा में खजाना छिपा हुआ है। ये सुनने के बाद तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने तलाशी अभियान शुरू करवाया।  

उस दौरान गायत्री देवी जेल में थीं और इंदिरा गांधी को भी वो समय खजाना ढुंढवाने के लिए सही समझा। लेकिन ये बहस अभी भी बनी हुई है कि क्या इंदिरा गांधी को खजाना मिला था या तलाशी अभियान व्यर्थ रहा था। 

जयपुर जयगढ़ किले का रहस्य और इतिहास