ये है दुनिया की सबसे बड़ी तोप, एक बार में ही बन गया था तालाब
एक तोप जिसकी एक ही गोली कई लोगों को नुकसान पहुँचाती है। प्राचीन काल में तोपें युद्ध का अहम हिस्सा हुआ करती थीं और आज भी सेनाओं पर तोपों का बोलबाला है। बाबर ने पहली बार तोप का प्रभावी प्रयोग किया।
विश्व की सबसे बड़ी तोप है जयबाण और यह आज भी जयपुर के किले में सुरक्षित रखी हुई है.
जयबाण तोप को महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय (1699-1743) के शासनकाल के दौरान जयगढ़ में बनाया गया था और इसका निर्माण उन्होंने अपनी रियासत की रक्षा के लिए किया था.
यह एकमात्र ऐसी विशाल तोप है जिसे युद्ध के लिए बनवाया गया था पर कभी इस तोप का इस्तेमाल युद्ध के लिए नहीं किया गया था.
इस तोप के बैरल की लंबाई 6.15 मीटर (20.2 फीट) है और इसका वजन 50 टन है। बैरल की नोक के पास की परिधि 2.2 मीटर (7.2 फीट) है और पीछे की परिधि 2.8 मीटर (9.2 फीट) है।
बैरल के बोर का व्यास 11 इंच है और टिप पर बैरल की मोटाई 8.5 इंच है। इस तोप को किले के अंदर ही बनवाया गया था.
इस तोप को दो पहिया गाड़ी में रखा गया है और पहिए करीब 1.37 मीटर (4.5 फीट) व्यास के हैं। इसके अलावा गाड़ी में परिवहन के लिए दो हटाने वाले अतिरिक्त पहिए भी हैं, इनका व्यास करीब 9 फीट है.
लगभग 100 किलो बारूद से 50 किलो वजन गोले का इस्तेमाल किया जाता था।
एक बार ट्रायल के रूप में इसे चलाया गया था ऐसा माना जाता है कि जयबाण तोप का केवल एक बार ही परीक्षण किया गया था, और जब दागा गया तो गोले ने लगभग 35 किलोमीटर की दूर चाकसू नामक कस्बे में गिरा था और वहां गिरने से एक तालाब बन गया था.