प्रयागराज का महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन है,  जिसमें करोड़ों श्रद्धालु रोजाना शामिल हो रहे हैं।

अमृत स्नान के दौरान और खास मौकों पर, जैसे मौनी अमावस्या, वसंत  पंचमी, महाशिवरात्रि आदि के मौके पर संगम स्नान के लिए जाने से बचें।

वीकेंड पर प्रयागराज जाने की योजना न बनाएं। अगर आप किसी दूसरे शहर या राज्य से प्रयागराज संगम स्नान के लिए जा रहे हैं तो पहले टिकट रिजर्वेशन करा लें। ट्रेन में सीट सुरक्षित होने पर आपको यात्रा के दौरान कम कठिनाई आएगी।

कुंभ मेला परिसर में कई घाट बने हैं। जो घाट श्रद्धालुओं के लिए खुले हैं, वहां आराम से स्नान करें। श्रद्धालुओं को संगम की ओर जाने की जरूरत नहीं है। श्रद्धालुओं को अपने नजदीकी घाटों पर ही पवित्र स्नान करना चाहिए।

अगर आप परिवार के साथ जा रहे हैं तो बच्चों का हाथ न छोड़ें। बहुत अधिक भीड़ में बच्चों या बुजुर्गों को लेकर न जाएं। वहीं किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या है तो भी भीड़ से दूर रहें। बच्चों के पाॅकेट में उनका नाम, पहचान और आपका मोबाइल नंबर आदि लिख कर रखें ताकि अगर बच्चा बिछड़ जाए तो उसे तलाशने में कुंभ पुलिस आपकी सहायता कर सके।

अगर आप परिवार के साथ जा रहे हैं तो बच्चों का हाथ न छोड़ें। बहुत अधिक भीड़ में बच्चों या बुजुर्गों को लेकर न जाएं। वहीं किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या है तो भी भीड़ से दूर रहें। बच्चों के पाॅकेट में उनका नाम, पहचान और आपका मोबाइल नंबर आदि लिख कर रखें ताकि अगर बच्चा बिछड़ जाए तो उसे तलाशने में कुंभ पुलिस आपकी सहायता कर सके।

धर्म और आस्था का सबसे बड़ा मेला महाकुंभ जिसे 'पूर्ण कुंभ' के नाम से भी जाना जाता है, हर 12 साल के अंतराल पर लगता है. मान्यता है कि कुंभ स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पिछले सारे पाप भी धुल जाते हैं. 

पहली बात आप शाही स्नान के दिन साधु संतों के स्नान करने के बाद ही स्नान करें. इस नियम का पालन करने पर ही आपको पवित्र स्नान का पूर्ण फल प्राप्त होता है. दूसरी बात, कुंभ में स्नान करते समय कम से कम 5 बार डुबकी लगाएं. इन दो बातों को ध्यान में रखकर महाकुंभ में स्नान करने का लाभ मिलता है. 

शाही स्नान की तिथियां  - Tithiyan of kumbh shahi snan 2025

26 फरवरी - महाशिवरात्रि पर्व