Mata Vaishno Devi Mandir की यात्रा को देश के सबसे पवित्र और कठिन तीर्थों में से एक माना जाता है और ऐसा इसलिए है क्योंकि माता का दरबार जम्मू-कश्मीर की त्रिकुटा पहाड़ियों की एक गुफा में है, जहाँ पहुँचने के लिए आपको ऊपर चढ़ना है और 12 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।

गर आप पहली बार वैष्णो देवी यात्रा पर जा रहे हैं तो इससे जुड़ी पूरी जानकारी हासिल करने के बाद ही जाएं ताकि आपको यात्रा में कोई दिक्कत न हो। यहां हम आपको वैष्णो देवी यात्रा से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां दे रहे हैं।

माता वैष्णो देवी की पवित्र गुफा 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। वैष्णो देवी को माता रानी, त्रिकुटा, अम्बे और वैष्णवी के नाम से भी जाना जाता है।

– प्रत्येक तीर्थयात्री को रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान पत्र (RFID) जारी किया गया है। बिना कार्ड के किसी भी श्रद्धालु को यात्रा नहीं करने दिया जा रहा है।

त्रिकुटा की पहाड़ियों पर स्थित एक गुफा में Mata Vaishno Devi की तीन स्वयंभू मूर्तियाँ हैं। देवी काली (दाएं), सरस्वती (बाएं) और लक्ष्मी (केंद्र) गुफा में पिंडियों के रूप में प्रतिष्ठित हैं। इन तीनों पिंडों के संयुक्त रूप को वैष्णो देवी माता कहा जाता है।

बाणगंगा नदी हिंदू भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। और बाणगंगा भी एक पवित्र नदी है, यह नदी हिमालय की शिवालिक श्रेणी के दक्षिणी ओर से आती है। जब भी आप माता वैष्णो देवी के दर्शन करने जाएं तो बाणगंगा नदी में डुबकी जरूर लगाएं। माता वैष्णो देवी यात्रा शुरू करते ही बाणगंगा नदी 1.5 किलोमीटर के बाद आएगी।

वैसे तो Mata Vaishno Devi की यात्रा साल भर खुली रहती है और कभी भी यहां जाया जा सकता है, लेकिन गर्मियों में मई से जून और नवरात्रि (मार्च से अप्रैल और सितंबर से अक्टूबर) के बीच पीक सीजन के कारण यहां भक्तों की भारी भीड़ होती है।