वैसे तो राजस्थान अपने ऐतिहासिक किलों और विरासतों के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां की धरती कई ऐसे स्थानों की भी गवाह है, जहां देवताओं का वास है। ऐसी ही एक जगह है कुंभलगढ़ के पास स्थित परशुराम महादेव मंदिर। वही परशुराम जिन्होंने क्रोधित होकर माता रेणुका का वध कर दिया था।
कहा जाता है कि हजारों बार इस धरती से क्षत्रियों का नाश करने वाले परशुराम के पास अद्भुत शक्ति यहीं की देन है।
इस गुफा मंदिर के अंदर एक स्वयं भू शिवलिंग है जहां पर विष्णु के छठे अवतार परशुराम ने भगवान शिव की कई वर्षो तक कठोर तपस्या की थी।
ऐसी भी मान्यता है कि जहां पर यह शिवलिंग स्थापित है उस गुफा को खुद परशुराम ने अपने फरसे से काटकर बनाया था।
दुर्गम पहाड़ी, घुमावदार रास्ते, प्राकृतिक शिवलिंग, कल-कल करते झरने एवं प्राकृतिक सौंदर्य से ओत-प्रोत होने के कारण भक्तों ने इसे मेवाड़ के अमरनाथ का नाम दे दिया है।
शायद यही वजह है कि हर साल लोग यहां सावन में भारी संख्या में भगवान के दर्शन करने आते हैं।
खास बात यह है कि सावन के दिनों में मंदिर के चारों ओर का नजारा इतना मनोरम होता है मानो गुफा में बैठे भगवान परशुराम खुद प्रकृति की गोद में बैठ गए हों।
mahadev temple rajasthan