इस मंदिर में जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को दी जाती है 21 तोपों से सलामी
देश में कई कृष्णधाम हैं, लेकिन नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी धाम की विशेषता सबसे अलग है।
वल्लभ संप्रदाय की सबसे बड़ी पीठ श्रीनाथजी मंदिर में साल के 365 दिन भक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन भगवान कृष्ण के जन्मदिन कृष्ण जन्माष्टमी का दिन भक्तों के लिए बहुत खास होता है।
श्रीकृष्ण के जन्म के अवसर पर 21 तोपों की सलामी दी जाती है। यह परंपरा पिछले चार सौ साल से जारी है
उदयपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर अजमेर-जयपुर राजमार्ग पर मौजूद नाथद्वारा कस्बे में भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर ‘श्रीनाथजी‘ के नाम से मशहूर है।
चार सौ साल पुराने इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की ही पूजा की जाती है। भक्तों के लिए साल का हर दिन यहां खास रहता है, लेकिन कृष्ण जन्माष्टमी पर्व का दिन बेहद खास।
रात बारह बजते ही यहां दो तोपों की मदद से कृष्ण भगवान को 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
ये तोपें नर और मादा तोपों के नाम से जानी जाती हैं और हर साल इन्हीं तोपों से सलामी की परंपरा मंदिर मंडल तथा प्रशिक्षित होमगार्ड निभाते आ रहे हैं।