मनमोहक दृश्यों से घिरी तीर्थन घाटी की यात्रा पर जा रहे हैं? जानिए ये जरूरी बातें

तीर्थन एक ऑफबीट डेस्टिनेशन है, जिसमें सभी के लिए कुछ न कुछ मौजूद जरूर है। यह शांत घाटी ट्रैकिंग, मछली पकड़ने, वाइल्डलाइफ नेशनल पार्क देखने के लिए बेस्ट है। 

यहां के पहाड़ी गांव भी काफी खूबसूरत लगते हैं, जहां आपको लोगों की बहुत कम भीड़-भाड़ देखने को मिलेगी।

समुद्र तल से 1600 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित, तीर्थन घाटी नदी के किनारे एक परफेक्ट वीकेंड गेटवे माना जाता है, जहां की हरियाली हर किसी को अपना दीवाना बना देती है।  

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित, तीर्थन घाटी का नाम तीर्थन नदी से लिया गया है, जो इसके किनारे बहती है। 

अगर आप गर्मियों में किसी ऐसी जगह पर घूमना चाहते हैं, जो पर्यटकों द्वारा सबसे कम घूमा जाता है, तो एक बार आपको तीर्थन घाटी जरूर जाना चाहिए।

तीर्थन घाटी दिल्ली से लगभग 500 किमी की दूरी पर है। अगर आप अपने निजी वाहन से यात्रा कर रहे हैं तो इस रास्ते जाएं-  दिल्ली>पानीपत>अंबाला>चंडीगढ़>स्वारघाट>मंडी>पंडोह>औट>लारजी>तीर्थन घाटी। 

तीर्थन घाटी में सेरोलसर झील लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। इस झील का पानी बहुत साफ है और इस झील के निकट ही देवी बुद्धि नागिन का एक पवित्र मंदिर भी है।

इसके अतिरिक्त, आप यहां आकर छोई वॉटरफॉल, रघुपुर किला, जालोरी दर्रा और जिभी आदि जगहें भी घूम सकते हैं।

गर्मी का मौसम तीर्थन घाटी की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय है क्योंकि गर्मियों के दौरान यहां का मौसम सुहावना होता है।

हालांकि, यहां पर अधिक ऊंचाई पर रातें काफी सर्द हो सकती हैं। इसलिए गर्मियों में भी अपने साथ कुछ गर्म कपड़े ले जाना न भूलें।