राजस्थान का बहुत ही खूबसूरत शहर है उदयपुर जिसे झीलों की नगरी भी कहा जाता है। यहां घूमने वाली जगहों की कोई कमी नहीं।

तो अगर आप दो से तीन दिन कहीं घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो उदयपुर को कर सकते हैं लिस्ट में शामिल।

पिचोला झील (Pichola Lake)

वैसे तो यह एक कृत्रिम झील है पर इसका प्राकृतिक दृश्य देखकर आपको यह किसी वास्तविक झील से कम नहीं लगेगी। संध्या के समय नाव की सवारी किए बिना आपकी यह यात्रा अधूरी है क्योंकि, इस सवारी से आपको एक अनोखा नज़ारा देखने मिलेगा।

सिटी पैलेस (City Palace)

पिचोला झील के किनारे बसे इस महल को राजस्थान का सबसे बड़ा महल माना जाता है। बड़े-बड़े आलीशान कमरे, हैंगिंग गार्डन, संग्राहलय आपको एक उच्च कोटी के राज घराने का एहसास कराऐंगे।

सज्जनगढ़ पैलेस (Sajjangarh Palace)

उदयपुर के बाहरी इलाके में स्थित यह महल मेवाड़ राजवंश का स्थल है। इस महल का नाम इसके संरक्षक महाराणा सज्जन सिंह के नाम पर रखा गया था। इस महल को अरावली पहाड़ियों की ऊंचाई पर बनाया गया था ताकि मानसून के बादलों का पता लगाया जा सके और इसीलिए इसे मानसून पैलेस भी कहा जाता है।

फतह सागर झील (Fateh Sagar Lake)

उदयपुर दर्शनीय स्थल में इस झील का नाम भी शुमार है। यह उदयपुर की दूसरी बड़ी झील है। इसकी असीम सुंदरता आपके मन को सुकून देगी, ऐसा सुकून जो आप कहीं और नहीं पा सकेंगे। खूबसूरती की चादर ओढे़ आपकी चाहत इस जगह के प्रति और बढ़ जाएगी।

जगदीश मंदिर (Jagdish Temple)

यह सिटी पैलेस में स्थित भगवान विष्णु का मंदिर है। अनुभवी कलाकारों ने यहां की मूर्तियों को पत्थर पर ऐसे उकेरा है कि बोल उठेंगी। यहां का शांतिपूर्ण वातावरण यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां की मुख्य मूर्ति जिसमें चार हाथों वाले विष्णु बने हैं, एक ही काले पत्थर से बनी है। यह मूर्ति चार छोटी मूर्तियों से घिरी हुई है जो भगवान गणेश, सूर्य देव, देवी शक्ति और भगवान शिव की हैं।

सहेलियों की बाड़ी (Saheliyon Ki Bari)

सहेलियों की बाड़ी (Saheliyon Ki Bari) राजस्थान के उदयपुर शहर एक राजसी उद्यान है, जिसे गार्डन या मैडेंस के आंगन के रूप में भी जाना जाता है। जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, कि इसका निर्माण महाराजा संग्राम सिंह से शादी के बाद राजकुमारी के साथ आने वाली युवतियों के लिए करवाया था।

जैसामंद झील (Jaisamand Lake)

यह देश की दूसरी सबसे बड़ी कृत्रिम झील है जो जैसामंद वन्य जीव अभ्यारण से घिरी हुई है। आप इस झील के चंचल पानी को स्पर्श करने के साथ-ही-साथ वन में मौजूद कुछ अनोखे जीव और घूमंतू पक्षियों को देखने का अवसर भी प्राप्त कर सकेंगे।

महाराणा प्रताप स्मारक (Maharana Pratap Samarak)

भारतीय इतिहास के महान योद्धा का राजस्थान में बहुत महत्व है। यह स्मारक उनकी वीरता की गवाही देता है। फतह सागर झील के किनारे पर इस स्मारक को बनाया गया है। चेतक पर बैठे महाराणा प्रताप अपने शौर्यवान बलिदान की गाथा कहते हैं। 11 फीट ऊँची इस प्रतिमा को पीतल से बनाया गया है। उदयपुर आकर इस प्रतिभावान मूर्ति को देखना अपने आप में एक अलग ही गर्व की बात है।