अगर आप खूबसूरत वॉटरफॉल को अपनी ट्रिप का हिस्सा बनाना चाहते हैं, तो इंडोनेशिया जाने का प्लान बना लें।
आज हम आपको एक ऐसे झरने के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नजारा देखकर आप हैरान रह जाएंगे। यहां आपको एक साथ हजारों झरने गिरते हुए दिखेंगे। यह बात सुनकर शायद आपको यकीन न हो, लेकिन यह सच है।
अगर आप कभी इंडोनेशिया में यात्रा के लिए जा रहे हैं, तो आपको टम्पक सेवू झरने का नजारा देखने जरूर जाना चाहिए।
माना जाता है कि यह इंडोनेशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे ठंडा झरना है। यह झरना इंडोनेशिया के पूर्वी जावा (East Java) में स्थित है। इस झरने का नाम टम्पक सेवू इसलिए है, क्योंकि इसका मतलब होता है एक हजार झरने।
यह एक ऐसा झरना है, जहां अगर आप बीच में खड़े होंगे तो आपको अपने चारों तरफ झरने गिरते दिखाई देंगे। हर साल यहां घूमने के लिए लाखों लोग आते हैं।
इस झरने के आसपास पक्षियों की चहचहाहट और झरनों की आवाज आपका मन मोह लेगी। झरने की ऊंचाई 120 मीटर है। यह झरना एक सक्रिय ज्वालामुखी के बीच में स्थित है। इसे जावा का सबसे ऊँचा पर्वत माना जाता है।
अगर आप इस झरने का देखने का प्लान बना रहे हैं, तो सबसे पहले आपको मलंग जाना होगा। मलंग, इंडोनेशिया के जावा प्रात में आता है। अगर आप जावा प्रांत में हैं, तो यहां से आप मोटरसाइकिल भी किराए पर ले सकते हैं।
मलंग में ऐसी कई जगहें हैं जहां से आप बाइक किराये पर ले सकते हैं, लेकिन आपको पहले उनके नियम और शर्तों को मानना होगा। अगर आप झरने तक बाइक से जा रहे हैं, तो यहां भी आपको अपनी बाईक पार्के करने के लिए चार्ज देना होगा।
यहां पार्किंग फीस इंडोनेशिया करेंसी 5000 से 10000 के बीच है। लेकिन यहां बाईक केवल उन्हें चलाने दिया जाता है, जिसे इंडोनेशिया में मोटर बाइक चलाने का अनुभव है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां की सड़कें काफी खतरनाक है। टम्पक सेवू झरना पहुंचने में आपको करीब 1 घंटे लगेंगे।
अगर आप बजट में ट्रिप प्लान कर रहे हैं, तो आप यहां तक जाने के लिए सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग कर सकते हैं।
मलंग में बस टर्मिनल दादंग से आप प्रोजिव टर्मिनल के लिए बस पकड़ें। यहां से फिर आप पैदल उतरकर टम्पक सेवू तक पैदल जा सकते हैं। बस केवल एक बार भरने के बाद ही चलती है और शाम 5 बजे के बाद नहीं चलती है।
आज के आर्टिकल में बस इतना है। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।
रहस्यमयी है महाराष्ट्र का ‘नानेघाट का उल्टा झरना’, जो नीचे की बजाय ऊपर की ओर बहता है