हिमाचल के मणिकरण साहिब से जुड़े ये रोचक तथ्य क्या आप जानते है?

आइये जानें मणिकरण साहिब से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में, जहां हमेशा बहता है गरम पानी का झरना। 

सफेद मंदिर और पार्वती नदी के किनारे स्थित गुरुद्वारा के नीचे से लगातार उठने वाली भाप की विशेषता, यह छोटा सा शहर अपने आस-पास के लोकप्रिय पहाड़ी शहरों की तरह ही रमणीय है।

इस गुरूद्वारे की ऊंचाई 1760 मीटर है और कुल्लू से यह 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 

इस गुरूद्वारे की सबसे ख़ास बात है कि यहां का पानी पानी बर्फीली ठण्‍ड में उबलता रहता है। 

मान्‍यता है कि शेषनाग के गुस्‍से के कारण यह पानी उबल रहा है। कहा जाता है कि इसके पीछे का कारण शेष नाग का गुस्सा है जिसकी वजह से आज भी यहां हमेशा पानी उबलता रहता है। 

यह भी मान्यता है कि यहां मौजूद गंधकयुक्त गर्म पानी में जो कोई भी स्नान कर ले, उसकी कई बीमारियां मुख्य रूप से जोड़ों का दर्द ठीक हो जाता है।

क्या आप जानते हैं यहां रोज़ तैयार होने वाले लंगर का खाना झरने के पानी से ही तैयार किया जाता है। गुरुद्वारे के लंगर में खाया जाने वाला भोजन झरने में पकाया जाता है। इसी गरम पानी से गुरुद्वारे के लंगर के लिए बड़े बर्तनों में चाय बनती है, दाल और चावल पकते हैं। 

इसके अलावा दर्शन के लिए आये पर्यटकों को सफेद कपड़े की पोटलियों में चावल धागे से बांधकर बेचे जाते हैं। मान्यता है किनव विवाहित जोड़े इकट्ठे धागा पकड़कर चावल उबालते हैं तो उन्हें सुखद वैवाहिक जीवन का आर्शिवाद मिलता है।

मणिकरण साहिब जहां भगवान शिव ने अपनी तीसरी आंख खोली थी