कलावंती किले ट्रैकिंग करने के लिए भारत के सबसे खतरनाक किलों में आता है।
इस किले के बारे में कहा जाता है कि यहां बेहद कम लोग आते हैं और जो आते भी आते हैं वो शाम तक वापस लौट जाते हैं।
महाराष्ट्र के माथेरान और पनवेल के बीच स्थित एक ऐसा ही किला है, जिसे भारत के खतरनाक किलों में गिना जाता है। इस किले को प्रबलगढ़ किले के नाम से जाना जाता है।
दरअसल, खड़ी चढ़ाई के कारण कोई भी व्यक्ति यहां ज्यादा देर तक नहीं रुक सकता है। इसके अलावा यहां न तो बिजली है और न ही पानी. शाम होते ही यहां मीलों तक सन्नाटा पसर जाता है।
यह किला इतना खतरनाक इसलिए माना जाता है क्योंकि यहां ट्रैकर्स चट्टानों को काटकर बनाई गई पहाड़ियों और तेज सीढ़ियों से होकर गुजरते हैं, जिनके चारों ओर न तो रेलिंग होती है और न ही उन्हें पकड़ने के लिए रस्सियां होती हैं।
मतलब अगर चढ़ाई करते समय, जरा सा भी आपका पैर फिसला, तो आप 2300 फीट नीचे खाई में जा गिरेंगे।
कलावंती किले के ऊपर से चंदेरी, माथेरान, करनाल और इरशाल को देखा जा सकता है। यहां तक कि यहां से मुंबई की कई जगहों को देखा जा सकता है।
अक्तूबर से मई महीने तक घूमने के लिए यहां लोग खूब आते हैं, लेकिन बारिश के दिनों यहां चढ़ाई बेहद खतरनाक हो जाती है, इसलिए लोग आना नहीं चाहते।
छत्रपति शिवाजी महाराज के राज में इसका नाम बदल दिया गया। बताया जाता है कि शिवाजी महाराज ने रानी कलावंती के नाम पर ही इस किले का नाम रखा गया था।
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