Bandhe Ke Balaji Jaipur: अजमेर रोड पर जयपुर के पास बोराज नामक गांव के पास बन्धे के बालाजी मंदिर का विशाल मंदिर है। हनुमान जी का यह मंदिर आस्था का केंद्र है और स्वाभाविक रूप से रमणीय वातावरण का भी आभास कराता है। मंदिर के इतिहास के बारे में मंदिर के पुजारी महेश कुमार शर्मा ने बताया कि बहुत पहले यह स्थान पूरी तरह से जंगल हुआ करता था।
Bandhe Ke Balaji Jaipur – बन्धे के बालाजी मंदिर, अजमेर रोड, जयपुर
इस स्थान पर बन्धे के बालाजी की मूर्ति संवत 1752 के समय की मानी जाती है। यह मूर्ति एक बंजारा परिवार द्वारा लाया गया था। सांभर से नमक लादकर आगे नमक बेचने के लिए बंजारों इसी जगह से होकर जाया करते थे। इस स्थान को अधिक सुविधाजनक समझकर वे रास्ते में रात को यहीं विश्राम करते थे, जिस बंजारे के पास यह मूर्ति थी, उसने इस मूर्ति को अपने नमक से निकाल कर एक रात आंगन में रख दिया।
सुबह बंजारे ने फिर इस मूर्ति को उठाकर अपने साथ ले जाने की कोशिश की, लेकिन बालाजी की यह मूर्ति अपने स्थान से हिली तक नहीं। बालाजी ने स्वप्न में बंजारे को यह बात बताई कि मैं यहीं रहूंगा, हे बंजारे, मुझे किसी ने दूर किया है।
वह मूर्ति को वहीं छोड़कर अपने घर चला गया। वहां उसने देखा कि उसकी अंधी मां की आंखों की रोशनी लौट आई है। वह समझ गया कि यह उस मूर्ति का चमत्कार है। वह वापस लौटा और मूर्ति को वर्तमान मंदिर के स्थान पर स्थापित किया। यह मंदिर स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं की भी आस्था का केंद्र बना हुआ है। पहाड़ी और बांध (छोटा तालाब) के करीब होने के कारण यह प्राकृतिक रूप से काफी रमणीय स्थान है। वह मूर्ति यहाँ स्थापित हो गई और तभी से यह स्थान बन्धे के बालाजी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
Bandhe Ke Balaji Mela – लगता है विशाल मेला
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को यहां विशाल मेला लगता है। इस मेले के शुरू होने की कहानी भी दिलचस्प है। पुजारी महेश कुमार शर्मा बताते हैं कि एक बार मूर्ति ने अपने आप ही सिंदूर छोड़ दिया था। स्थानीय श्रद्धालु इसे बोरे में रखकर हरिद्वार ले गए। वहां के एक संत ने सलाह दी कि एक विशाल मेले का आयोजन किया जाना चाहिए। तभी से ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को यहां विशाल मेला लगता है।
Bandhe Ke Balaji Sai Mandir
Bandhe Ke Balaji में एक साई बाबा का मंदिर भी जहा साई बाबा की मूर्ति विद्यमान है आप यहाँ निशुल्क दर्सन कर सकते हो।
मंदिर दर्शन का समय – Bandhe Ke Balaji Temple Timings
मंदिर में पहली आरती सुबह 5 बजे होती है। मंदिर दिन के समय बंद नहीं होता है और रात 9.30 बजे के बाद सोने के लिए कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
मंदिर में कैसे पहुंचे
जयपुर से अजमेर रोड होते हुए बोराज, बगरू होते हुए उगरियावास गांव से आप सीधे मंदिर में पहुंच सकते हो।
- सड़क: जयपुर से 45 कि.मी
- रेल: जयपुर रेलवे जंक्शन से 43 कि.मी.
- हवाई अड्डा: सांगानेर हवाई अड्डे से 50 कि.मी
Bandhe Ke Balaji मंदिर की वास्तुकला
मंदिर का लेआउट और संरचना सामान्य आकार का है जो पत्थर या सीमेंट से बना है। अंदर से मंदिर को कांच से सुसज्जित किया गया है और सभी देवी देवतओं की प्रतिमा देखने को मिलती है। जैसे ही आप मैन मंदिर में पहुंचते है आपको बड़ा सा हॉल देखने को मिलता है जिसमे गणेश जी, दुर्गा माता, गोविन्द देव जी की मुर्तिया है और अंदर सिंदूर से ओझल हनुमान जी की प्रतिमा है।
पहले हम सड़क पर मंदिर के सामने मैन रोड पर भगवान हनुमान या भगवान शिव की विशाल आकार की मूर्ति देखते हैं। मंदिर के अंदर सिंदूर से ढकी बालाजी की मूर्ति है। मंदिर में बालाजी के अलावा और भी कई हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं।
बन्धे के बालाजी के सामने एक प्राचीन मंदिर भी स्थित है
बन्धे के बालाजी के सामने एक प्राचीन मंदिर भी स्थित है जिसमें शिवालय जिसमे शिव जी का प्राचीन मंदिर है और साईं बाबा, सीता राम, नौग्रह देवी देवता का मंदिर है। इस मंदिर के पीछे गार्डन भी है जिसमे आप फोटोग्राफी का आनंद ले सकते है और आराम फार्मा सकते हो। मंदिर के चारों तरफ ठेले लगे हैं जिनमें बच्चों के खिलौने और घर का अन्य सामान मिलता है। मंदिर के सामने मिठाई की दुकान है जहां प्रसाद भी मिलता है।
नोट : इस मंदिर की कोई एंट्री फी नहीं है यह पूरी तरह से फ्री है।