जयपुर के झारखण्ड महादेव मंदिर की सम्पूर्ण जानकारी: Jharkhand Mahadev Temple Jaipur Rajasthan:

Jharkhand Mahadev Temple Jaipur Rajasthan: छोटी काशी नामक राजधानी जयपुर में एक महादेव मंदिर है, जो दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। इस मंदिर का नाम है ‘Jharkhand Mahadev Temple‘ है। पहली बार सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है। सभी सोचते हैं और सवाल भी करते हैं कि मंदिर जयपुर में बना है तो इसका नाम झारखंड क्यों पड़ा। इस मंदिर का बाहरी हिस्सा बिल्कुल दक्षिण के मंदिरों जैसा है। मंदिर का मुख्य द्वार और गर्भगृह उत्तर दिशा के मंदिरों जैसा दिखता है। यह मंदिर घने और हरे-भरे इलाके में है। आपको चारों तरफ ढेर सारे पेड़-पौधे मिल जाएंगे। ऐसे में यह भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

महादेव जी को “देवो का देव” माना जाता है और इसी वजह से यह झारखण्ड महादेव मंदिर जयपुर के उन चुनिंदा मंदिरों में से एक है जहां भोले भक्तों का तांता लगा रहता है। यह भी माना जाता है कि यहां भक्तों की हर मुराद और मनोकामना पूरी होती है। झारखंडनाथ महादेव जी के मंदिर से श्रद्धा भाव से आने वाले भक्त कभी खाली हाथ नहीं लौटते।

महाशिवरात्रि त्यौहार को झाड़खंड महादेव मंदिर क्वींस रोड वैशाली नगर जयपुर में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है।

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Jharkhand Mahadev Temple Jaipur Rajasthan
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Jharkhand Mahadev Temple Jaipur Rajasthan- झारखंड महादेव मंदिर जयपुर राजस्थान

Jharkhand Mahadev Temple Jaipur Rajasthan History

यह भगवान शिव को समर्पित अपनी तरह का एक मंदिर है। क्योंकि इस मंदिर का निर्माण दक्षिण भारतीय शैली में किया गया है। दरअसल, साल 1918 तक यह मंदिर बहुत छोटा हुआ करता था। यहां शिवलिंग की सुरक्षा के लिए सिर्फ एक कमरे का शिवालय बनाया गया था। फिर करीब 18 साल पहले जब इसका जीर्णोद्धार किया गया तो इसका निर्माण दक्षिण भारतीय शैली में कराया गया।

Jharkhand Mahadev Temple Jaipur Rajasthan History

हालाँकि, केवल मंदिर का मुख्य द्वार दक्षिण भारतीय मंदिरों के समान है। भीतर का गर्भगृह उत्तर भारतीय मंदिरों से ही प्रेरित है। लेकिन कुछ अलग है. क्योंकि गर्भगृह निर्माण के समय शिवालय में स्वत: उगने वाले पेड़ को नहीं काटा गया था। बल्कि इसका निर्माण पेड़ के साथ ही किया गया था। सावन में झारखंड महादेव मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। सावन के प्रत्येक सोमवार को यहां शिवलिंग का अभिषेक करने के इच्छुक श्रद्धालुओं की कतार लगी रहती है। सावन में जयपुर जाएं तो झारखंड महादेव मंदिर के दर्शन करना न भूलें।

इस वजह से मंदिर का नाम झारखंड महादेव मंदिर पड़ा।

यह मंदिर 100 साल से भी ज्यादा पुराना है। साल 1918 में इस मंदिर के शिवलिंग के चारों ओर एक कमरा बनवाया गया और उसे ज्यों का त्यों छोड़ दिया गया। बाद में वर्ष 2000 में जब इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया तो इस मंदिर का निर्माण दक्षिण भारतीय शैली में किया गया। यह मंदिर दक्षिण में राजस्थान के तिरुचिरापल्ली मंदिर जैसा दिखता है।

इस Jharkhand Mahadev Temple के ट्रस्ट के सोमानी अक्सर दक्षिण भारत के दौरे पर जाते थे और उन्हें वहां के मंदिर बहुत पसंद आए। इसलिए जब इस झारखंड महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया तो 300 मजदूरों की मदद से दक्षिण भारत की शैली में इस मंदिर का निर्माण किया गया। इस तरह यह शिव मंदिर राजस्थान में है और इसका नाम झारखंड है और इसे दक्षिण भारतीय शैली में बनाया गया है।

Jharkhand Mahadev Temple Jaipur Rajasthan
Jharkhand Mahadev Temple Jaipur Rajasthan

झाड़ियों से मिलकर बना है झारखंड नाम

नाम से हैरान मत होइए। क्योंकि अक्सर ऐसा होता है जब लोग आश्चर्य करते हैं कि एक शिवालय का नाम झारखंड कैसे हो सकता है। दरअसल, यह मंदिर जयपुर के “प्रेमपुरा” नामक गांव में है, जिसे अब वैशाली नगर में क्वींस रोड कहा जाता है। यह मंदिर इस क्षेत्र में दूर-दूर तक प्रसिद्ध है।

इस मंदिर का नाम सुनकर लोग हैरान हो जाते हैं और सोचते हैं कि मंदिर का नाम झारखंड है तो राजस्थान में कैसे बना। दरअसल जिस इलाके में यह मंदिर बना है, वहां कभी बड़ी संख्या में झाड़ियां हुआ करती थीं। झाड़ियों से झाड़ और खंड अर्थात क्षेत्र को मिलाकर इस मंदिर का नाम झाड़खंड महादेव मंदिर पड़ा। यह मंदिर बहुत सारे पेड़ों और हरियाली से घिरा हुआ है और इस वजह से इस मंदिर का नाम झारखंड महादेव रखा गया है।

jharkhand mahadev temple jaipur

यहां भक्तों की हर मुराद और मनोकामना पूरी होती है।

कहा जाता है कि महादेव के दरबार में हाथ की दया से दुनिया बदल जाती है, रेखा बदल जाती है। जो भी ह्रदय से महादेव का नाम लेता है उसका भाग्य पल भर में बदल जाता है। महादेव जी को “देवताओं का देव” माना जाता है और इसी वजह से यह झारखण्ड महादेव मंदिर जयपुर के चुनिंदा मंदिरों में से एक है, जहां हमेशा भोले-भाले भक्तों का तांता लगा रहता है। यह भी माना जाता है कि यहां भक्तों की हर मुराद और मनोकामना पूरी होती है।

jharkhand mahadev jaipur images
jharkhand mahadev jaipur images

यह शिव मंदिर बहुत लोकप्रिय है और यहां शिव के दर्शन करने से मन को असीम शांति मिलती है। यह मंदिर कई वर्ष पुराना है और यह भी माना जाता है कि इस भूमि पर सैकड़ों बाबाओं ने यहां तपस्या की है। इस देश में धर्म का विशेष स्थान है और यहां देवी-देवताओं की बड़ी श्रद्धा और मन से पूजा की जाती है।

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इसी वजह से यह चमत्कारी मंदिर भी पूरे देश में प्रसिद्ध है। यह मंदिर जयपुर के प्रेमपुरा में स्थित है। इस मंदिर में साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है। शिवरात्रि के दौरान यहां एक अलग ही नजारा होता है। ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी यहां शिवलिंग के दर्शन करता है और शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराता है, उसकी भगवान शिव हमेशा रक्षा करते हैं।

झारखंड महादेव मंदिर जयपुर लाइव दर्शन- Jharkhand Mahadev Temple Jaipur Live Darshan

आप इस मंदिर में झारखंड महादेव जी के दर्शन घर बैठे भी कर सकते हो आपको बस Jharkhand Mahadev Temple Jaipur की ऑफिशल वेबसाइट पर या यहाँ पर क्लिक करके कर सकते हो। Live Darshan (लाइव दर्शन सुबह 5 बजे से रात्रि 9 बजे (मंगला आरती से सयन आरती))

झारखंड महादेव जयपुर समय- Jharkhand Mahadev Jaipur Timing

jharkhand mahadev jaipur timings
jharkhand mahadev jaipur timings

मंदिर खुलने का समय

  • सुबह 4.30 बजे
  • दर्शन समय
  • सुबह 4.45 बजे से रात्रि के आरती तक

जल अभिषेक

  • समय :- प्रात: 5:15 से साँय 4 बजे तक

सायं कालीन आरती

  • सूर्यास्त अनुसार

शयन आरती

  • 11 बजे  प्रत्येक  सोमवार
  • 11.30 बजे सावन सोमवार
  • 12 बजे आखिरी सोमवार
  • 10.30 बजे प्रदोष में  बजे  पूरे वर्ष  
  • 9 बजे  सर्दियों में  दिवाली के अगले दिन से होली तक
  • 9.30 बजे होली के अगले दिन से 14 मई तक 10 बजे 
  • 15 मई से समय :- प्रात: 5:15 से साँय 4 बजे तक

विनम्र निवेदन

मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों से विनम्र निवेदन है कि मंदिर ट्रस्ट दान के रूप में कोई पैसा या सामान स्वीकार नहीं करता है। किसी भी प्रकार के कीमती सामान के दान के लिए मंदिर कार्यालय से संपर्क करें

सेवा का निःस्वार्थ प्रदर्शन मंदिर का कर्तव्य है। मंदिर परिसर में गिरे कूड़ा करकट को उठाकर कूड़ेदान में डालने में संकोच न करें, तो प्रभु के आंगन में झाडू लगाना एक अद्भुत सेवा होगी और हमारा कदम भी स्वच्छ भारत की ओर बढ़ेगा।

सावन के सभी सोमवार को विशेष झांकियां निकाली जाती हैं।
अनकूट प्रसादी = पहला सोमवार (दिवाली के बाद)
पौष बड़ा प्रसादी = पौष माह के किसी भी सोमवार को निर्धारित (मंदिर ट्रस्टी द्वारा तय किया जाएगा)

Jharkhand Mahadev Jaipur Photos

jharkhand mahadev temple jaipur

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