Shri Laxmi Jagdish Maharaj Mandir Goner:- राजस्थान की राजधानी जयपुर से लगभग 25 किमी दूर जयपुर-आगरा राजमार्ग पर चूलगिरी के पास गोनेर गांव है। यहां का लक्ष्मी जगदीश मंदिर जन आस्था का केंद्र है। यह प्रचलित मान्यता है कि भगवान लक्ष्मीनारायण की यह मूर्ति दैवीय प्रेरणा से “देवदास” नामक एक ब्राह्मण द्वारा खेत से खोदी गई थी और अकबर ने खेती के लिए मंदिर को 800 बीघा जमीन दी थी।
उसी ब्राह्मण “देवदास” के वंशज मंदिर में पुजारियों का काम करते हैं। उसी के अनुसार पूजा और देखभाल का कार्य वह परिवार करता है। रात को साढ़े तीन सेर का राजभोग और भगवान को दूध का भोग लगाया जाता है। ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को महाराज जगदीश की जयंती मनाई जाती है। यह मंदिर के प्रमुख त्योहारों में से एक है। फाल्गुन शुक्ल एकादशी, चैत्र कृष्ण द्वितीया और श्रावण शुक्ल एकादशी को यहां बड़े मेले लगते हैं। विजयादशमी और पवित्रा एकादशी पर बड़ी संख्या में लोग आते हैं।
Shri Laxmi Maharaj Mandir Goner – श्री लक्ष्मी महाराज मंदिर गोनेर
Shri Laxmi Jagdish Maharaj Mandir Goner सांगानेर तहसील और बगरू विधानसभा क्षेत्र में आता है। जयपुर से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस मंदिर को ‘जयपुर का वृंदावन‘ भी कहा जाता है। देश में पहली बार राज्य खेल परिषद ने 1966 में ग्रामीण खेलों का आयोजन किया था। लोगों का मानना है कि यह मंदिर 500 साल पुराना है।
इस मंदिर की पूजा सदियों से चली आ रही है। बाद में इस मूर्ति को एक छोटे से मंदिर में अनुष्ठान के साथ स्थापित किया गया, फिर धीरे-धीरे इस मंदिर का लोगो को पता चला और लोग मंदिर में इकट्ठा होने लगे क्योंकि इस मंदिर में महाराज की मूर्ति स्थापित की जा रही है। उस मूर्ति में भगवान का वास होता है, जो कोई भी शारदालु मन से मन्नत मांगता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है।
Shri Laxmi Jagdish Mandir History – श्री लक्ष्मी जगदीश मंदिर इतिहास
राजस्थान की राजधानी जयपुर के निकट गोनेर में श्री लक्ष्मी-जगदीश महाराज का मंदिर कम से कम पाँच सौ वर्ष पुराना है। कहा जाता है कि इस गांव के किसान देवदास के सामने भगवान लक्ष्मी-जगदीश प्रकट हुए और विधि-विधान से दबी हुई मूर्तियों को बाहर निकालने और स्थापित करने का आदेश दिया। किसान ने वैसा ही किया। एक छोटा मंदिर बनाया गया और मूर्तियों को स्थापित किया गया। धीरे-धीरे इस मंदिर की ख्याति फैलने लगी और ऐसा माना जाने लगा कि जो व्यक्ति यहां सच्चे मन से पूजा करता है उसकी मनोकामना पूरी होती है। यह इलाका हमेशा हरा-भरा रहता है।
मुगल शासन के दौरान इस मंदिर को गिराने का प्रयास किया गया था। इस संघर्ष के दौरान स्थानीय लोगों ने मुगल सेना का जमकर मुकाबला किया और उन्हें हरा दिया। मूर्तियां सुरक्षित रहीं। बाद में, जयपुर राजपरिवार और अन्य भक्तों की मदद से यहाँ मंदिर का निर्माण किया गया। मंदिर का प्रवेश द्वार और मुख्य मंडप संगमरमर से बना है। बेल-जूतों को चारों ओर सुंदर नक्काशी के साथ बनाया गया है। अंदर ग्लास वर्क भी किया गया है।
इस मंदिर में एकादशी के दिन दर्शन का विशेष महत्व है। इसके अलावा श्रावण में यहां झूलों की झांकी दर्शनीय होती है। जलझुलनी एकादशी पर ठाकुरजी पास के तालाब में नाव यात्रा पर जाते हैं। मंदिर की खासियत यहां का प्रसाद है। यहां मालपुए का भोग लगाया जाता है। यहां आयोजित होने वाले सवामनी और अन्य प्रसादी कार्यक्रमों में मुख्य रूप से दाल-मालपुआ और मिर्च की टिपोर बनाई जाती है। यह भगवान को चढ़ाया जाता है।
Darshan of Jagdish Temple – जगदीश मंदिर के दर्शन
Shri Laxmi Jagdish Maharaj Mandir Goner में जाना बहुत ही आसान है, आप एकादशी को छोड़कर किसी भी समय इस मंदिर के दर्शन कर सकते हैं, क्योंकि एकादशी के दिन बहुत भीड़ होती है, मेला लगता है, आसपास के गांवों से लोग मंदिर में पूजा करने आते हैं, प्रशासन एकादशी पर बाबा के मंदिर मैं तैयारी रखता है ताकि भीड़ ना हो और लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े, श्री लक्ष्मी जगदीश महाराज के मंदिर में जो भी आता है खाली हाथ नहीं लौटना है।
यहाँ का माल पुआ -दाल और मिर्च और खीर बहुत स्वादिस्ट माना जाता है
इस मंदिर में मालपुआ – दाल और मिर्च और खीर बहुत ही स्वादिष्ट मानी जाती है। इस मंदिर में हमेशा मालपुए और मनमाने का प्रसाद चढ़ाया जाता है। प्रसाद तैयार करने के लिए मंदिर के पास कई दुकानें हैं। मालपुए आपको हर समय खाने के लिए तैयार मिल जाएंगे और पैकिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। यहां के मालपुए पूरे राजस्थान में मशहूर माने जाते हैं। इस मंदिर का करिश्मा अद्भुत है।
Shri Laxmi Jagdish Mandir Aarti Timings – श्री लक्ष्मी जगदीश मंदिर आरती समय
- मंदिर में आरती करने का समय इस प्रकार है
- मंदिर के कपाट सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक खुले रहते हैं।
- दोपहर 11.30 से 12 बजे तक भगवान को भोग लगाया जाता है
How to reach Shri Laxmi Jagdish Maharaj Mandir Goner – श्री लक्ष्मी जगदीश महाराज मंदिर गोनेर कैसे पहुंचे
जयपुर से इस मंदिर की दूरी मात्र 25 किलोमीटर है। इस मंदिर के लिए आप बस (11 नंबर लो फ्लोर) और 55 नंबर मिनी बस की मदद भी ले सकते हैं और इस मंदिर में जाने के लिए कैब भी उपलब्ध है, अगर आप इस मंदिर में आते हैं तो आपको 7 -8 होटल हर समय उपलब्ध रहेंगे चंद्र महल होटल, द ओब्रे होटल, रास्ते में कई होटल आते हैं जहां आप आराम कर सकते हैं, मंदिर जाने के लिए निजी बस और आने-जाने के अन्य साधन उपलब्ध होंगे।
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