Nahargarh Fort Ropeway Project Jaipur:- जयपुर में रोमांच पसंद करने वालों के लिए एक खुशखबरी है, जल्द ही जयपुर में केबल कार यानी रोपवे शुरू होने जा रहा है, वह भी जयपुरवासियों की सबसे पसंदीदा जगह नाहरगढ़ पर। दरअसल, इसे लेकर पुरातत्व विभाग ने अब नाहरगढ़ किले में आने वाले पर्यटकों की सुविधा बढ़ाने के लिए रोपवे का प्रस्ताव दिया है। इस रोपवे का प्रस्ताव जल्द ही राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
गहलोत सरकार राज्य में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए नए सर्किट और सुविधाएं बढ़ा रही है। ऐसे में नाहरगढ़ किले की ओर जाने वाली सड़क पर जाम से निजात दिलाने के लिए रोपवे का प्रस्ताव भेजा जाएगा। अगर गहलोत सरकार रोपवे बनाने की मंजूरी दे देती है तो नाहरगढ़ किला पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन जाएगा।
Nahargarh Fort Ropeway Project Jaipur – नाहरगढ़ किला रोपवे परियोजना जयपुर
रोपवे से क्या होगा फायदा ?
- नाहरगढ़ किले में जाने वाले पर्यटकों की दूरी कम होगी और जाम से मुक्ति मिलेगी। नाहरगढ़ किला अधीक्षक राकेश चोलक ने बताया कि पर्यटन सीजन में हजारों की संख्या में पर्यटक वाहनों की आवाजाही से हादसों की आशंका बनी रहती है.
- नाहरगढ़ अभयारण्य होने के कारण सड़क की चौड़ाई कम होने से वाहनों के आवागमन में काफी परेशानी होती है। ऐसे में पर्यटन सीजन में नाहरगढ़ पहाड़ी पर वाहनों के लंबे जाम के कारण पर्यटकों को घंटों जाम का सामना करना पड़ता है।
एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए एक अच्छी खबर
रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक नाहरगढ़ किले को देखने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के लिए रोपवे का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। रोपवे बनने से पर्यटक वन्य जीवन का लुत्फ भी उठा सकेंगे। नाहरगढ़ अभ्यारण्य घना जंगल होने के कारण यहां बड़ी संख्या में वन्यजीव और पक्षी विचरण करते हैं। ऐसे में पर्यटकों को रोपवे से वन्य जीवों का नजारा भी देखने को मिलेगा। पर्यटक वाहनों से होने वाला प्रदूषण कम होगा और पर्यावरण सुरक्षित रहेगा।
मिलेगी जाम से मुक्ति
- पर्यटकों को वाहन से 10 किलोमीटर की दूरी तय कर नाहरगढ़ किले तक पहुंचना पड़ता है।
- रोपवे बनने से 10 किमी की दूरी 2 किमी तक होगी।
- रोपवे बनने से पर्यटक वाहनों से होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी, पर्यावरण की रक्षा होगी।
- रोपवे बनने से पर्यटकों को जाम से निजात मिलेगी।
- रोपवे बनने से पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी, रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
- नाहरगढ़ किले के रास्ते में होने वाली दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
नाहरगढ़ किला जयपुर – Nahargarh Fort Jaipur
राजस्थान को ‘किलों का शहर’ कहना गलत नहीं है, क्योंकि यहां इतने किले हैं कि घूमने और करीब से जानने में काफी समय लगता है। इन्हीं में से एक है अरावली पहाड़ियों के बीच बना नाहरगढ़ किला, जो जितना विशाल है उतना ही अद्भुत भी है।
आमेर घाटी से कुछ किलोमीटर तक जब आप घुमावदार पहाड़ियों से गुजरते हैं तो एक ट्राई-जंक्शन आता है। वहां से एक सड़क नाहरगढ़ की ओर जाती है और दूसरी सड़क जयगढ़ की ओर मुड़ती है। जब आप आमेर घाटी से नाहरगढ़ जाते हैं तो चढ़ाई के दौरान आप आमेर, जलमहल और जयपुर के अद्भुत नज़ारों का आनंद लेने से खुद को नहीं रोक पाएंगे। जयपुर की इस साहसिक यात्रा से तनाव को दूर किया जा सकता है।
इस किले का प्राचीन नाम सुदर्शनगढ़ था, बाद में इसका नाम बदलकर नाहरगढ़ किला कर दिया गया। सवाई जय सिंह की बुद्धिमत्ता और विज्ञान के प्रति लगाव को देखकर औरंगजेब ने उन्हें सवाई की उपाधि दी। नाहरगढ़ किला अपनी विशेष प्रकार की किलेबंदी के कारण जयगढ़ किले से संबंधित है। नाहर का अर्थ है शेर और गढ़ का अर्थ है किला, इस प्रकार नाहरगढ़ का अर्थ है शेर का किला।
किवदंती है कि नाहर सिंह नाम के एक राजपूत का भूत वहां भटकता रहता था, जो किले के निर्माण में बाधा भी डालता था। अत: तांत्रिकों से परामर्श किया गया और उस आत्मा के नाम पर किले का नामकरण नाहरगढ़ कर बाधा को दूर किया गया।
Nahargarh Fort Jaipur History In Hindi: नाहरगढ़ किले के इतिहास, वास्तुकला और घूमने की जानकारी
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